Radha Raman Temple - एक ऐसा मंदिर जहां 500 साल से जल रही अग्नि को कोई नहीं बुझा पाया

वृंदावन के कण-कण में कृष्ण समाहित हैं। वृन्दावन में अनगिनत कृष्ण मंदिर हैं। हर एक मंदिर की अपनी एक कहानी है । आज हम आपको वृंदावन के एक ऐसे ही मंदिर के रहस्य के बारे में बताने जा रहे हैं जो करीब 500 साल से बरकरार है।
ये एक ऐसा मंदिर है जिसमें साक्षात दिखती है प्रभु की लीला और चमत्कार। एक ऐसा मंदिर जिसमें ठाकुर जी की मनोरम प्रतिमा स्थापित है। ठाकुर जी के इस विग्रह रूप से जुड़ा अचरज भरा चमत्कार है। कभी कृष्ण के दांत नजर आते हैं। कभी नहीं पर जो हमेशा दिखाई देती रहती है वो है उनके होठों पर मंद-मंद मुस्कान।
एक मूर्ति में तीन छवि आती है नजर
इस मंदिर में ठाकुर जी की मूर्ति तो एक है लेकिन एक मूर्ति में तीन छवि नजर आती हैं। कभी यह छवि गोविंद देव जी के समान दिखती है।कभी यह छवि वक्ष स्थल गोपी नाथ जी की जैसी नजर आती है। कभी चरण मदन मोहन जी के विग्रह रूप के दर्शन राधा रमण जी की प्रतिमा में दिखाई देने लग जाते हैं।alsoreadNarayan Murti - रोज सुबह 6:20 पे इंफोसिस के ऑफिस क्यों पहुंच जाते थे नारायण मूर्ति, बताई दिल छू लेने वाली वजह
500 सालों से अग्नि स्वतः ही प्रज्वलित है
माना जाता है कि राधा रमण जी के मंदिर में 500 सालों से अग्नि स्वतः ही प्रज्वलित है। मान्यता है कि जब भगवान प्रकट हुए तब गोपाल भट्ट जी ने उनका भोग बनाने के लिए हवन की लकड़ियों को रख कर मंत्रोच्चार की शक्ति से अग्नि प्रज्वलित की थी। अब तक वह अग्नि प्रज्वलित ही है। कैसी भी परिस्थिति हो उस अग्नि को न प्रकृति और न ही कोई मनुष्य भुजा पाया है। आज भी राधा रमण मंदिर में ठाकुर जी का भोग उसी अग्नि पर पकाया जाता है।
नहीं होता माचिस का प्रयोग
राधा रमण मंदिर में किसी भी कीमत पर माचिस या अन्य किसी भी ऐसी वस्तु का इस्तेमाल नहीं होता। मंदिर में धूप जलाने के लिए भी उस प्रज्वलित अग्नि का ही प्रयोग किया जाता है।