Maternity Act - क्या आप जानते हैं वर्किंग वुमन को प्रेगनेंसी में मिलने वाले इन फायदों के बारें में

Maternity Act - क्या आप जानते हैं वर्किंग वुमन को प्रेगनेंसी में मिलने वाले इन फायदों के बारें में

 
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भारत के सविधान में कई ऐसे कानून हैं जो महिलाओं की मदद करते हैं। ऐसा ही एक काननू है कि मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट। गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद यह एक्ट काफी मददगार है। हम आज आपको इस एक्ट के बारे में विस्तार से बताएंगे। चलिए जानते हैं इस एक्ट के बारे में। 

मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट

मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट का उद्धेश्य महिलाओं को प्रेगनेंसी से पहले, दौरान और बाद में मदद करना है। मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट में 1961 के बाद एक बार एमेंडमेंट किया गया था। इसमें महिलाओं को मिलने वाली छुट्टी ज्यादा हो गई हैं। इंडस्टरी, फैक्टरी और यहां तक की दुकान में काम करने वाली महिलाओं को भी इस एक्ट के तहत फायदा मिलता है। also readInteresting Facts - प्लास्टिक के स्टूल में छेद क्यों होता है? जाने इसकी वजह

कितने दिनों की मिलती है छुट्टी 

इस एक्ट के तहत 26 हफ्ते की छुट्टी मिलती है। पहले 2 बच्चे होने पर महिलाओं को 26 हफ्ते ही छुट्टियां दी जाती है। इसके बाद तीसरा बच्चा होने पर छुट्टिया 12 हफ्ते की हो जाती है। 

बच्चा गोद लेने पर मिलेगी छुट्टी 

गोद लेने वाली महिलाओं को भी इस एक्ट के तहत 12 महीने की छुटटी दी जाती है। 

कब-कब मिलती है छुट्टी

इस एक्ट के तहत डिलिवरी से 8 हफ्ते पहले पेड छुट्टी मिल जाती है। बाकी 18 हफ्ते की छुट्टी डीलिवरी के बाद मिलती है। 

वर्क फ्रॉम होम मिलता है या नहीं? 

अगर 26 हफ्तों बाद भी महिलाओं को वर्क फ्राम होम करने की जरूरत लगती है तो यह एक्ट उसे घऱ से काम करने का भी मौका देता है। 

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