'MA English Chaiwali':नौकरी पाने में असमर्थ, मास्टर्स ग्रेजुएट ने कोलकाता में खोली चाय की दुकान
Nov 10, 2022, 12:10 IST

कोलकाता की टुकटुकी दास के माता-पिता हमेशा उससे कहते थे कि अगर वह काफी मेहनत से पढ़ती है, तो वह आसमान को छू सकती है। वे चाहते थे कि वह एक शिक्षिका बने; उसने कड़ी मेहनत से पढ़ाई की और परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया और अंग्रेजी में एमए किया। लेकिन एमए की डिग्री के बावजूद टुकटुकी को नौकरी नहीं मिली। उसने कई परीक्षाओं का प्रयास किया, हर संभव कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो सकी। अंत में, उसने चाय बेचने का फैसला किया। उसने उत्तर 24 परगना के हाबरा स्टेशन में चाय की दुकान खोली।अगर किसी को हाबरा स्टेशन जाना होता है, तो उन्हें टुकटुकी की दुकान का बैनर दिखाई देता है जिस पर लिखा होता है 'एमए अंग्रेजी चायवाली'। टुकटुकी के पिता वैन ड्राइवर हैं और उनकी मां की एक छोटी सी किराना दुकान है। पहले तो वे टुकटुकी की चाय बेचने की योजना से नाखुश थे। टुकटुकी, हालांकि, नौकरी न मिलने के असंतोष के आगे नहीं झुकी और अपनी सारी ऊर्जा अपनी योजना के प्रति समर्पित कर दी। वह एक 'एमबीए चायवाला' की कहानी से प्रेरित थी, जिसके बारे में उसने इंटरनेट पर पढ़ा था। उन्होंने News18 से कहा, "मैंने सोचा था कि कोई काम छोटा नहीं है और इसलिए मैंने 'एमबीए चायवाला' की तरह अपनी चाय की दुकान पर काम करना शुरू कर दिया। शुरुआत में जगह मिलना मुश्किल था लेकिन बाद में मैं इसे ढूंढने में कामयाब रहा। अब मैं चाय-नाश्ता बेच रहा हूं। चूंकि मेरे पास एमए की डिग्री है, इसलिए मैंने दुकान का नाम इस तरह रखा।"
शुरू किया अपना कारोबार
नौकरी न मिलने पर टुकटुकी जो काफी टेंशन में आ गई थी। क्युकी उन्हे अपने घर के हालात सुधारने थे जिसके लिए उन्होंने नौकरी की तलाश की पर उन्हे कही नौकरी नहीं मिली। जिस बीच वो काफी टोटने लगी थी। लेकिन उन्हों हार ना मानते हुए अपना कारोबार स्टार्ट किया। जिसमे उन्होंने शुरुवात एक छोटे से टी स्टाल (Tea Stall) से की। जिसका नाम उन्होंने एमए चायवाली (MA Chaiwali) रखा। हमने आज के समय में कही ऐसे लोगो के बारे में सुना हैं जो काफी पढ़ लिख कर नौकरी न कर सड़क किनारे टी स्टाल का काम कर रहे हैं। जिसकी प्रेरणा टुकटुकी को भी मिली। उनको नौकरी न हासिल होने पर अपना प्रयास जारी रखा और लोगो से प्रेरित हो कर मेहनत की।