जानिए आखिर ओमान के सुल्तान काबूस ने किस शक्श के लिए तोड़ा अपना प्रोटोकॉल

यह किस्सा है जिसने दुनिया को रिश्तों का नया संदेश दिया।यह ऐतिहासिक घटना ओमान के सुल्तान काबूस बिन सैद और भारत के नौवें राष्ट्रपति रहे डॉ. शंकर दयाल शर्मा से जुड़ी है। दोनों अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन इस कहानी के बहाने हमेशा ओमान और भारत में उनका जिक्र आता है।
सुल्तान ने तोड़ा प्रोटोकॉल
डॉ शंकर दयाल शर्मा एक ऐसे राष्ट्रपति के रूप में जाने जाते हैं जो बेहद संवेदनशील थे। वह हमेशा अपने काम के प्रति समर्पित थे और नियमों का पालन करने वाले व्यक्ति के रूप में जाने जाते थे। इसी तरह, ओमान के सुल्तान काबूस को एक ऐसे राजा के रूप में जाना जाता है जिसने कभी किसी के लिए प्रोटोकॉल नहीं तोड़ा। उन्होंने पहली बार सिर्फ एक व्यक्ति के लिए अपना प्रोटोकॉल तोड़ा। यह शख्स कोई और नहीं बल्कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा थे।

एयरपोर्ट पर पहुंचे सुल्तान
1994 में जब शंकर दयाल शर्मा राष्ट्रपति थे, तब वे मस्कट गए थे। ओमान के सुल्तान कभी भी किसी विदेशी मेहमान के स्वागत के लिए हवाई अड्डे नहीं गए। लेकिन जब उन्हें पता चला कि भारत के राष्ट्रपति ओमान आ रहे हैं। इसलिए उन्होंने उनका स्वागत करने और स्वागत करने के लिए हवाई अड्डे जाने का फैसला किया। कहा जाता है कि जैसे ही पूर्व राष्ट्रपति का हवाई जहाज मस्कट पहुंचा, सुल्तान काबूस विमान में राष्ट्रपति की सीट के पास पहुंच गए। इतना ही नहीं उन्हें अपने साथ प्लेन से नीचे उतार लिया। ड्राइवर समेत कार भारत के पूर्व राष्ट्रपति को लेने एयरपोर्ट पहुंची थी। लेकिन सुल्तान ने ड्राइवर को कार चलाने का आदेश दिया। उन्होंने डॉ. शंकर दयाल शर्मा को अपने साथ बिठाया और खुद गाड़ी चलाई।

डॉ. शर्मा सुल्तान के प्रोफेसर थे
सुल्तान काबूस ने कहा कि वह डॉ शर्मा को लेने के लिए एयरपोर्ट नहीं गए क्योंकि वह भारत के राष्ट्रपति थे। बल्कि वो एयरपोर्ट इसलिए गए थे क्योंकि डॉक्टर शंकर दयाल शर्मा उनके टीचर रह चुके थे।सुल्तान काबूस ने तब बताया था कि उन्होंने भारत में पढ़ाई की है। जिस समय वे भारत में पढ़ रहे थे, उस दौरान उन्हें बहुत सी चीजें सीखने को मिलीं। पुणे में पढ़ते हुए डॉ. शर्मा उनके प्रोफेसर थे और इसलिए वे उन्हें लेने के लिए एयरपोर्ट गए। डॉ शंकर दयाल शर्मा 1992 से 1997 तक भारत के राष्ट्रपति थे। 26 दिसंबर 1999 को उनका निधन हो गया।