जानिए देश के सबसे सुंदर रेलवे स्टेशन के बारे में

अंबासा रेलवे स्टेशन, त्रिपुरा
अंबासा त्रिपुरा के धलाई जिले में एक छोटा स्टेशन है। सिर्फ 3 प्लेटफॉर्म वाले इस स्टेशन की खूबसूरती बेमिसाल है। घने जंगलों वाली पहाड़ियों के बीच स्थित यह स्टेशन पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
काठगोदाम रेलवे स्टेशन, उत्तराखंड
नैनीताल से मात्र 35 किमी की दूरी पर स्थित काठगोदाम रेलवे स्टेशन बेहद हरा-भरा है। यहां से कई प्रसिद्ध ट्रेनें गुजरती हैं।
कारवार रेलवे स्टेशन, कर्नाटक
कर्नाटक का कारवार रेलवे स्टेशन बेहद खूबसूरत और हरा-भरा है। कोंकण रेलवे के अंतर्गत आने वाले इस स्टेशन से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु समेत प्रमुख स्टेशन जुड़े हुए हैं।
वल्लप्पुझा रेलवे स्टेशन
वल्लपुझा रेलवे स्टेशन केरल के पलक्कड़ जिले में है। यह स्टेशन देश की ऐतिहासिक शाखा रेखा पर स्थित है। यह ब्रॉड गेज रेलवे लाइन भारत में अद्वितीय है।
दूध सागर जलप्रपात रेलवे स्टेशन, गोवा
कोंकण रेलवे के रूट पर किसी भी ट्रेन की यात्रा बेहद खूबसूरत होती है। इस स्टेशन पर एक ही प्लेटफॉर्म है। इस स्टेशन का उपयोग दूधसागर जलप्रपात तक पहुँचने के लिए किया जाता है।
चेरुकारा रेलवे स्टेशन, केरल
केरल के मलप्पुरम जिले में चेरुकारा स्टेशन भी हरी-भरी घाटियों से घिरा हुआ है। यह स्टेशन नीलांबुर - शोरपुर के बीच ऐतिहासिक शाखा लाइन पर भी स्थित है। यहां प्लेटफॉर्म पर भी पेड़ हैं।
न्यू हाफलोंग रेलवे स्टेशन, असम
असम का न्यू हाफलोंग रेलवे स्टेशन रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है और खूबसूरत भी है। यह गुवाहाटी और सिलचर को जोड़ता है।also read:जानिए भारत के सबसे छोटे 20 वर्षीय शख्स के बारे में
सिवोक रेलवे स्टेशन, पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले का सिवोक जंक्शन बेहद खूबसूरत है। महानंदा वन्यजीव अभ्यारण्य में आने पर यह स्टेशन सिवोक रेलवे ब्रिज के ठीक आगे बना है।
उक्षी रेलवे स्टेशन, महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के उक्षी रेलवे स्टेशन पर हरियाली की बहार है। यह स्टेशन रणपत जलप्रपात के बहुत करीब है। कभी यहां देश की सबसे लंबी रेल सुरंग हुआ करती थी।
बड़ोग रेलवे स्टेशन, हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश के सोलन में स्थित बडोग रेलवे स्टेशन कालका-शिमला रेलवे लाइन पर पड़ता है। 1,531 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्टेशन भूतों की कहानियों के लिए भी प्रसिद्ध है। स्टेशन के पास एक सुरंग है जिसके बारे में कहा जाता है कि यह डरावनी आवाजें निकालती है। बड़ोग रेलवे स्टेशन के पास स्थित यह सुरंग 1903 में बनकर तैयार हुई थी।