जानिए ऐसे शहर के बारे में जहां महामारी में महिलाएं सोती है गाय के साथ

हिमाचल प्रदेश का कुल्लू शहर बेहद खूबसूरत है।कुल्लू अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए फेमस है। यहाँ हजारो के संख्या में पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है।खूबसूरती के साथ साथ यहाँ निभाए जाने वाले रिवाज भी बिलकुल अलग है।उसी तरह यहाँ भी पीरियड्स के लिए रिवाज बनाये गए है,जिन्हे आज भी लोग मानते है। यहाँ महिलाओ के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है।
कुल्लू में एक गांव है,जिसका नाम जाना है। इस गांव में पीरियड्स के समय महिलाओ को घर से अलग कर दिया जाता है। इतना ही नहीं पीरियड्स में यहाँ की महिलाओ को गोशाला में रहना पड़ता है।जितने दिन तक पीरियड होते है ,वह उतने समय तक अपने पति और बच्चो से दूर होती है। घर के अंदर कदम रखने से मनाही है।
पीरियड्स में शरीर से खून निकलता है। जाना गांव में भी यह माना जाता है की महिलाएं पीरियड्स के दौरान अशुद्ध हो जाती है। इसलिए उन्हें किसी को छूने नहीं दिया जाता है। सबसे अलग रखा जाता है। महिलाओ को पीरियड्स में घर से दूर रखने के पीछे ऐसा माना जाता है की वह इस समय घर में रहती है तो इससे देवता गुस्सा हो जाएगे। साथ ही घर भी अपवित्र हो जाएगा।
पीरियड्स में मंदिर नहीं जाना चाहिए यह बेहद आम धारणा है। इस गांव में भी यही होता है की। उन्हें भी मासिक धर्म में मंदिर जाने से रोका जाता है और पूजा भी नहीं कर सकती है। पीरियड्स के समय महिलाओ के साथ ऐसा व्यवहार नहीं हो इसके लिए सरकार भी कदम उठा चुकी है। जिसके तहत गांव वालो को यह समझाना है की गोशाला में रहने से सेहत से जुडी परेशानी हो सकती है।
भारत के अलावा नेपाल में भी परियडस में महिलाओ को एक झोपडी में रखा जाता है। इसे चोपाडी प्रथा कहते है। नेपाल की सरकार इस प्रथा पर रोक लगा चुकी है तमिलनाडु में पीरियड्स होने पर ख़ुशी मनाई जाती है। भव्य समारोह आयोजित किया जाता है। लड़की को यह एहसास दिलाया जाता है की अब वह परिपक्व हो चुकी है।