क्या गर्भवती महिलाओं को नहीं काटते हैं जहरीले सांप,जानिए क्या है इसके पीछे का रहस्य

हिंदुओं में कई मान्यताएं प्रचलित हैं। उनमें से एक यह है कि सांप गर्भवती महिलाओं को नहीं काटते हैं। वास्तव में, इस दावे का कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। हालांकि, कुछ शोध बताते हैं कि जब एक महिला गर्भवती होती है, तो सांप के काटने की घटनाएं सामान्य से काफी कम होती हैं। इसके पीछे का कारण यह हो सकता है कि गांवों में गर्भावस्था के दौरान महिलाएं आमतौर पर घर की चारदीवारी के भीतर रहने लगती हैं।जहां गर्भवती महिलाओं में सर्पदंश की घटनाएं कम होती हैं।
सांप को गर्भवती महिलाओं का कैसे पता लगता है?
वहीं, वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि सांप महिलाओं की गर्भावस्था की स्थिति के बारे में जानते हैं। इसका कारण शायद यह है कि गर्भधारण के बाद महिलाओं में कुछ खास तरह के हार्मोन बनने लगते हैं। सांपों में ऐसे हार्मोन की गंध सूंघने की क्षमता होती है। हालांकि, इस बात का कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि सांप गर्भवती महिलाओं को नहीं काटते हैं। ऐसे में उन्हें इस दौरान भी वही सावधानियां बरतनी चाहिए, जो वे सामान्य दिनों में लेती हैं। कहा जाता है कि एक गर्भवती महिला भगवान शिव की पूजा कर रही थी।
मान्यता कैसे प्रचलित हुई?
उसी दौरान दो सांप महिला को परेशान करने लगे। उस समय गर्भ में पल रहे बच्चे ने इन सांपों को श्राप दे दिया। यह था कि अगर वे एक गर्भवती महिला को काट लें, तो वे अंधे हो जाएंगे। तब से ऐसी मान्यता प्रचलित हो गई। कहा जाता है कि गर्भवती महिलाओं को काटने की बात तो दूर इस दौरान सांप उनके साथ फट भी नहीं पाते।एक अध्ययन के अनुसार, दुनिया भर में हर साल 2.5 मिलियन सांप के काटने की घटनाएं होती हैं। इनमें एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है।
भारत में सांप काटने की संख्या
भारत उन देशों में से एक है जहां सांप के काटने की घटनाएं बहुत अधिक हैं। यह और बात है कि गर्भावस्था के दौरान सांप के काटने की घटनाएं आश्चर्यजनक रूप से कम हो जाती हैं। दक्षिण अफ्रीका, भारत और श्रीलंका में इस अवधि के दौरान सर्पदंश के कारण महिलाओं के अस्पताल में भर्ती होने की दर 0.4-1.8% रही है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को सांप न काटने का दावा बिल्कुल भी सही नहीं है।