भूलकर भी ना बोले या लिखे इस गांव का नाम नहीं तो आप पड़ सकते हैं मुश्किल में

भूलकर भी ना बोले या लिखे इस गांव का नाम नहीं तो आप पड़ सकते हैं मुश्किल में

 
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यहां रहने वाले ग्रामीणों का मानना ​​है कि गांव सुखी और शांतिपूर्ण है, लेकिन इस नाम के कारण लोगों को बहुत कष्ट होता है। इस गांव के लोगों का मानना ​​है कि हम चाहकर भी अपने गांव का नाम सोशल मीडिया पर नहीं लिख सकते।कहा जाता है कि एक नाम इतिहास से जुड़ा होता है। किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके पुश्तैनी गांव से होती है। गांव हमारे जीवन की कहानी है। गांव के बिना हमारी कोई पहचान नहीं है। आमतौर पर हम अपने गांव का नाम सोशल मीडिया पर बड़े ही गर्व के साथ लेते हैं, लेकिन एक गांव का एक ऐसा नाम होता है, जिसे हम बोल या लिख ​​नहीं सकते।

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फेसबुक पे हो सकते है ब्लॉक

अगर हम सोशल मीडिया पर लिखने की कोशिश भी करेंगे तो फेसबुक हमें ब्लॉक कर देगा। हाँ यह सच है। दरअसल, दुनिया में एक ऐसा गांव है, जिसका नाम हम न तो बोल सकते हैं और न ही लिख सकते हैं। इससे गांव के लोग परेशान हैं। वह कभी शर्म से नहीं बोल सकता। रिपोर्ट के मुताबिक इस गांव का नाम फुके गांव है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यह गांव स्वीडन में स्थित है। दरअसल, फूके गांव के लोग अपने गांव के नाम से परेशान हैं।वे इसे फेसबुक पर नहीं लिख सकते। सोशल मीडिया सेंसरशिप में इस नाम को अपमानजनक भाषा के तौर पर देखा जाता है।

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कहाँ पे है यह गाँव?

इस गांव का नाम कहीं नहीं लिखा जा सकता है, लेकिन यह गांव स्वीडन में स्थित है। इस गांव में रहने वाले ग्रामीण अपने गांव का नाम बदलना चाहते हैं। इसके लिए ग्रामीणों ने याचिका भी दायर की है। स्वीडन के सांस्कृतिक पर्यावरण अधिनियम के तहत ही गांव का नाम बदला जा सकता है। संस्कृति विभाग सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर ही इस गांव का नाम बदलेगा। यहां के ग्रामीण कई वर्षों से नाम बदलने की कोशिश कर रहे हैं।

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क्यों परेशां है यहाँ के लोग

यहां रहने वाले ग्रामीणों का मानना ​​है कि गांव सुखी और शांतिपूर्ण है, लेकिन इस नाम के कारण लोगों को काफी परेशानी होती है। इस गांव के लोगों का मानना ​​है कि हम चाहकर भी अपने गांव का नाम सोशल मीडिया पर नहीं लिख सकते।कहा जाता है कि एक नाम इतिहास से जुड़ा होता है, लेकिन कई बार लोग मुसीबत में पड़ जाते हैं। ग्रामीण लगातार गांव बदलने की मांग कर रहे हैं.

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