अब माँ के नाम सम्पति पर बेटे नहीं जता सकेंगे अधिकार ,यहां जाने इस नए कानून के बारे में

Saroj Kanwar
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भारत सरकार ने में हाल ही में संपत्ति के अधिकारों को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किये है। इन नए नियमो का उद्देश्य माता पिता के अधिकारों की रक्षा करना और बेटे बेटियोंके बीच समानता लाना है 2024 में लागू हुए इन नियमो में परिवारों में संपत्ति को लेकर होने वाली विववादो को कम करने में मदद मिलेगी साथ ही सुनिश्चित किया जायेगा की माता पिता अपनी कमाई की संपत्ति का उपयोग अपनी इच्छा से कर सके।

परिवारों में संपत्ति को लेकर होने वाले झगड़े कमी होगी और सभी को न्याय संगत हिस्सा मिल सकेगा

इन नए नियमो में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए। जैसे माता-पिता की स्वयं अर्जित संपत्ति पर बच्चों का अधिकार समाप्त करना , बेटियों की पैतृक संपत्ति में बराबर का हक देना और संयुक्त परिवारों की संपत्ति पर सभी सदस्यों को समान अधिकारों से निश्चित करना। इन बदलाव से परिवारों में संपत्ति को लेकर होने वाले झगड़े कमी होगी और सभी को न्याय संगत हिस्सा मिल सकेगा।

स्वयं अर्जित सम्पति पर माता पिता का पूरा अधिकार

नए नियमों के अनुसार ,माता-पिता की स्वयं अर्जित संपत्ति पर उनके बच्चों को कोई अधिकार नहीं होगा । इसका मतलब है माता-पिता अपनी कमाई संपत्ति को अपनी इच्छा से किसी को भी दे सकते हैं ।
बच्चे इस संपत्ति पर दावा नहीं कर सकते चाहे बीते बेटे हो या बेटियां
माता पिता चाहे तो अपनी स्वयं अर्जित संपत्ति को किसी अन्य व्यक्ति या संस्था को भी दे सकते हैं।
माता-पिता बिना वसीयत के मर जाते हैं तब यह बच्चों को संपत्ति मिलेगी। यह नियम माता-पिता के अधिकारों की रक्षा करता और उन्हें अपनी कमाई की संपत्ति के बारे में निर्णय लेने की आजादी देता है।

नियम विवरण
स्वयं अर्जित संपत्ति -माता-पिता की इच्छा पर निर्भर
पैतृक संपत्ति -बेटियों को बराबर हिस्सा मिलेगा
संपत्ति का बंटवारा -सभी सदस्यों को समान अधिकार
नए नियम लागू होने की तारीख -2024 के शुरुआत से
संपत्ति हक की अवधि – बेटों का हक समाप्त, बेटियों का शादी के बाद भी बना रहेगा
संयुक्त परिवार -सभी सदस्यों का समान अधिकार
शादी के बाद का अधिकार बेटियों को शादी के बाद भी संपत्ति पर हक मिलेगा
वसीयत का महत्व – माता-पिता की वसीयत को सर्वोपरि माना जाएगा

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